Krishi Bio Helix

कृषिबायोहेलिक्स (एजोटोबक्टेर)

कृषि बायो हेलिक्स स्वतन्त्र रूप से नाइट्रोजन को स्थिर करने वाला जीवाणु है| यह नाइट्रोजन को स्थिर को स्थिर करने के आलावा पादप हार्मोन्स एवं विटामिनको भी जेविकीव तरीके से संलेषित करता है और हानिकारक कवको की वृद्धि को रोकता है|

लाभदायी फसले-धान, गेहू, मक्का, कपास, गन्ना, बाजरा, आलू, गोभी, टमाटर, बैगन, मटर, चुकंदर, खीरा, सरसों, ज्वार, आम, प्याज, लहसुन, मिर्ची, फूलगोभी आदि|

प्रयोग की विधि/ मात्रा

बीज उपचार5-10 मिली./ 10 ग्रामकृषि बायो हेलिक्स को लेकर 1 कि.ग्राबीज में अच्छे से मिलाये, उपचारित बीजो को छाया में सुखाकर तुरंत बो दे| बुवाई के आधा घंटा पहले तक छाया में रखकर सुखाए|

मृदा उपचार1-2 लीटर/ 2 कि.ग्राकृषि बायो हेलिक्स को लेकर 150-200कि.ग्राअच्छी तरह से सड़ी / पकी हुई गोबर की खाद में भलीभांति मिलाकर अंतिम जुताई व पहली सिंचाई के पहले एक एकड़ जमीन पर छिडकाव करे|

पोध जड़ उपचार– यह विधि रोपाई वाली फसलो के लिए होती है| 250 मिली./ 500 ग्रामकृषि बायो हेलिक्स को 15 लीटर पानी मेंमिलाकर घोल बना ले तथा एक एकड़ के लिए प्रयाप्त पोध जड़ो को 30 मिनिट तक घोल में डुबाकर पोध का रोपण करे|

लाभ

  • कृषि बायो नाइट्रेक्स के प्रयोग मृदा जनित रोगों का प्रबंधन करता है|
  • इसके प्रयोग से उपज 25-30% तक बढ. जाती है|
  • बीजो के अंकुरण प्रतिशत में में बढोतरी होती है|
  • यह पोधों के हार्मोन को बड़ाता है|

सावधानिया

  • कल्चर को कड़ी धुप तथा गर्म हवाओ से बचाए, कल्चर पेकैट को ठंडे स्थान पर रखे|
  • बीजोपचार छाया में करे|
  • जैव उर्वरक को रासायनिक खाद तथा अन्य कीट फफूंद नाशक के सीधे संपर्क में ना आने दे|

कल्चर की सम्पूर्ण मात्रा को एक ही बार उपयोग में ले|